राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (नरेगा) का क्रियान्वयन ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा किया जाता है जो सरकार के सबसे महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में से एक है। इस योजना के तहत् सरकार की गरीबों तक सीधे पहुंच रहेगी और विकास के लिए विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जाएगा। इस अधिनियम के तहत् प्रत्येक ग्रामीण परिवार को 100 दिनका गारंटीशुदा अकुशल मजदूरी/रोजगार वित्तीय वर्ष में प्रदान किया जाएगा।
यह अधिनियम 2 फरवरी, 2006 को लागू किया गया। पहले चरण में वर्ष 2006-07 में देश के 27 राज्यों के 200 जिलों में इस योजना का कार्यान्वयन किया गया। इसमें 200 चयनित जिलों में 150 जिले ऐसे थे जहाँ काम के बदले अनाज कार्यक्रम पहले से चल रहा था। काम के बदले अनाज योजना व संपूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना का विलय अब इस नई योजना में कर दिया गया है। अप्रैल 2008 से इस योजना को संपूर्ण देश में लागू कर दिया गया है।
राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहला कानून है। इसमें रोजगार गारंटी किसी अनुमानित स्तर पर नहीं है। इस अधिनियम का लक्ष्य मजदूरी रोजगार को बढ़ाना है। इसका सीधा लक्ष्य है कि प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन द्वारा सही उपयोग और गरीबी के कारण-सूखा, जंगल काटना एवं मिट्टी के कटाव को सही तरीके से विकास में लगाना है।
ज्ञातव्य है कि नरेगा का नामकरण महात्मा गांधी के नाम पर करने की घोषणा 2 अक्टूबर, 2009 को गांधी जयंती के अवसर पर की थी।
परिणामस्वरूप वर्ष 2005 में बने राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम का नाम औपचारिक रूप से महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) करने का प्रावधान किया गया।
अधिनियम के प्रमुख प्रावधान हैं-
- NREGA अधिनियमरोजगार की कानूनी (2008-09)गारंटी प्रदान करता है।
- प्रत्येक विकास खण्ड पर इस कार्यक्रम की गतिविधियों का चयन पंचायत समितियों द्वारा करने का प्रावधान है।
- पंचायत समितियों द्वारा लोगों को, कार्यक्रम की पारदर्शिता, सामाजिक उत्तरदायित्व तथा सामाजिक सहभागिता का पूर्ण आश्वासन दिया जाएगा।
- कष्ट निवारण समितियां हर जगह उपलब्ध होंगी।
- 33 प्रतिशत लाभ महिलाओं को होगा तथा उन्हें पुरुषों के बराबर पारिश्रमिक की व्यवस्था।
- रोजगार का इच्छुक कोई भी व्यक्ति, ग्राम पंचायत समिति में पंजीकरण करा सकता है। पंजीकृत होने वाले व्यक्तियों को ग्राम पंचायत द्वारा जॉब गारंटी कार्ड जारी किया जाएगा। इस कार्ड के अंतर्गत वैधानिक मान्यता है कि 15 दिनों के अंदर व्यक्ति को को रोजगार मिले।
- पंजीकरण कार्यालय वर्षभर खुला रहेगा।
- व्यक्ति को रोजगार उसके घर से 5 किमी. के दायरे में मिलेगा तथा साथ में मजदूरी भत्ता भी उपलब्ध कराया जायेगा।
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